शुक्रवार, 6 जून 2014

सामान्य नहीं हो सकती उत्तरप्रदेश की घटनाएं

उत्तरप्रदेश में इनदिनों जो कुछ हो रहा है वह सामान्य नहीं है। कहीं लड़कियों के साथ अनाचार के बाद पे़ड़ पर लटकाया जा रहा है तो कहीं उनके ऊपर तेजाब डाला जा रहा है।  दिल्ली गैंग रेप के बाद बने नये कानून के बाद से इस प्रकार की घटऩाए जादा बड़ी है। खासकर अपराधियों द्वारा पीडिता को अपराध के बाद जींदा नहीं छोड़े जाने का कारण भी यही हो सकता है। इतना कठोर कानून बनने के बाद भी इस तरह की घटनाएं हो रही है जो निंदनीय है और किसी भी समाज के लिए मान्य नहीं हैं। इक और बात यह किसी भी सभ्य समाज में गंदगी फैलाने जैसा हो सकता है। सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं छत्तीसगढ़, दिल्ली, झारखण्ड, ओड़िशा, बिहार सहित कई राज्यों में इस प्रकार की घटनाएं हो रही है। उत्तरप्रदेश बड़ा राज्य है इसलिए यह ज्यादा प्रसिध्द हो रहा है। इससे पहले भी बलात्कार की घटनाएं हो रही थी और होती आ रही है जिसपर सिर्फ कानून से नहीं बल्कि मानसीकता परिवर्तन के साथ बदलाव किया जा सकता है। यह एक ऐसी विकृति है जिससे लोगो को निजात पाना हीं होगा। इसकी एक वजह खान पान और संगती भी है। जब तक हम अपने बच्चे की गलती को सुधारने के बजाए दंडीत करना शुरु नहीं करेेंगे वह ऐसी गलतियां करते रहेंगे। सोच में बदलाव की जरुरत है नहीं तो आने वाले समय में हर मां बाप यहीं चाहेंगे की उनके घर लड़की न हो। अगर लड़की नहीं हुई तो वह बहन कैसे बनेगी और अगर बहन नहीं बनी तो राखी कौन बाधेगा। इसके अलावा बहन होगी तभी तो जीजा जी मिलेंगे रिश्ता आगे बढ़ेगा। वह मां बनेगी भांजे भाजीयां होंगे इसके बीना तो  हम मामा भी नहीं बन पाएंगे। सोच को बदलना होगा। सिर्फ उत्तरप्रदेश ही नहीं देश की जनता को अपने सोच में परिवर्तन लाना होगा। इतना ही नहीं मां बाप भी अपने बच्चों की शादी सही उम्र में करे ताकि इस प्रकार की घटनाओं से निजात पाया जा सके । कैरियर का शादी से कोई संबंध नहीं है इसलिए कैरियर के साथ कैरेक्टर भी अच्छा हो इसका भी खयाल रखा जाए। घटनाएं कम होगी और सभ्य समाज का उदय होगा।

वन्दे मातरम