हार नहीं माने थे हार नहीं मानेंगे
हम ही करेंगे, जिसे हम ठानेंगे।
मुश्किलें आएंगी, मुसीबत से घिरेंगे
रार नहीं ठाने थे, रार नहीं ठानेंगे।
काम पूरे होंगे देर ही सही
वक्त के साथ चलेंगे तूफान में न डिगेंगे।
वह दरिया है जो गहराई का पता पूछता है
समंदर भी यही है गहराई नाप लेंगे।
लगाएंगे गोता मोती भी निकालेंगे
डूबकर आंखों में उनके हम मुस्कुराएंगे।
तबीयत ठीक है उनकी अभी
हर दिन सुधार कर रहे हैं
जिएंगे चार दिन फिर लौटकर आएंगे।
मौकापरस्त दुनिया है यहां किसी का भरोसा नहीं
यहां हर कोई लूटने में लगा है, उन्हें हम बचाएंगे।